बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए 'न्याय' की नई व्यवस्था लागू
बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व कर्मियों की शिकायतों व उनसे संबंधित विसंगतियों के निपटारे के लिए राज्य सरकार ने नई व्यवस्था कर दी है। इनकी शिकायतों के निपटारे के लिए पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत निजी स्कूलों के हेडमास्टरों, शिक्षकों व शिक्षकेतरकर्मी भी विद्यालय प्रबंधन समिति के खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत कर सकेंगे।
बिहार मंत्रिमंडल ने पहले ही बिहार राज्य शिक्षण संस्थान शिक्षक एवं कर्मचारी (शिकायत निवारण एवं अपील) नियमावली 2020 को अपनी मंजूरी दे दी थी। अब शिक्षा विभाग ने इस नई नियमावली को लागू कर दिया है। इसके तहत शिकायतों के निवारण के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर अपील प्राधिकार के गठन होंगे।
नई नियमावली के लागू होने के साथ ही बिहार राज्य शिक्षक एवं कर्मचारी शिकायत निवारण नियमावली 2015 और बिहार अनुदानित शिक्षण संस्थान प्राधिकार नियमावली 2015 को शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है। बिहार राज्य शिक्षण संस्थान शिक्षक एवं कर्मचारी (शिकायत निवारण एवं अपील) नियमावली 2020 के तहत जिला एवं राज्यस्तर पर गठित अपीलीय प्राधिकार में सुनवाई किए जाने वाले विषय भी तय कर दिए गए हैं।
यह प्राधिकार निजी विद्यालयों के हेडमास्टर, शिक्षक, कर्मी एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के बीच के विवाद का निपटारा करेगा तथा उसपर अपना फैसला देगा। प्राधिकार में पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय संस्थान द्वारा राजकीय, राजकीयकृत, प्राथमिक, मध्य विद्यालय, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों के नियोजन प्रक्रिया से संबंधित शिकायत एवं परिवाद दायर किए जा सकेंगे।
परिवादों की सुनवाई होगी
राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त 108 प्रारंभिक विद्यालय (अल्पसंख्यक विद्यालय सहित) जिसमें पांच अथवा आठ तक की पढ़ाई होती है, इन विद्यालयों के प्रबंध समिति द्वारा प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं कर्मी के पद पर नियुक्ति एवं प्रोन्नति से संबंधित शिकायत एव़ं परिवादों की सुनवाई होगी। अनुदानित स्थापना अनुमति प्राप्त, प्रस्वीकृत, मान्यता प्राप्त माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा अनुदानित महाविद्यालय में नियुक्ति की प्रक्रिया तथा अनुदान से संबंधित परिवाद दायर भी होंगे तथा इनपर सुनवाई कर प्राधिकार फैसला लेगा।
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