शिक्षकों को सितंबर से मिलेगा ईपीएफओ का लाभ
केंद्रीय भविष्य निधि संगठन बिहार-झारखंड के अपर आयुक्त राजीव भट्टाचार्य ने शिक्षकों का भविष्य निधि से संबंध का खुलासा किया
पटना। राज्य के नियोजित शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) योजना के तहत लाभ देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय की ओर से राज्य के 3.58 लाख शिक्षकों का कोड तैयार कर लिया गया है। अब सितंबर से उन्हें योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। उक्त बातें केंद्रीय भविष्य निधि संगठन बिहार-झारखंड के अपर आयुक्त राजीव भट्टाचार्य ने कहीं।
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों के ईपीएफओ में हर महीने 13 फीसद सरकार की ओर से जमा होगा। शिक्षकों का 12 फीसद अंशदान के रूप में कटेगा। अब शिक्षकों के पास भविष्य के लिए एक आपात निधि जमा रहेगी। ईपीएफओ के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) जेनरेट करने की प्रक्रिया सितंबर से शुरू होगी।
इसमें लगभग 70 दिन लगेंगे। हर जिलों में बीईओ व तकनीकी कर्मचारी इस कार्य में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्य को जल्द पूरा करने के लिए मुख्यालय से यूटिलिटी सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए पत्राचार किया गया है। डेढ़ महीने में ईपीएफओ ने किया मृत्यु व पेंशन दावे का निपटारा
पटना। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बाढ़ में तैनात होम गार्ड जवान विद्या सागर प्रसाद तथा विजय प्रसाद की निधन के दावे का निपटारा महज दो महीने में पूरा कर दिया। गुरुवार को कार्यालय में अपर आयुक्त राजीव भट्टाचार्य ने दोनों की विधवा आशा देवी एवं राजवंशी देवी को पेंशन के साथ-साथ अन्य लाभ से संबंधित कागजात सौंप दिया।
केंद्रीय भविष्य निधि के अपर आयुक्त राजीव भट्टाचार्य ने कहा कि ईपीएफओधारक परिवार की क्षति की भरपाई नहीं हो सकती है, लेकिन आश्रितों को पेंशन देकर उनके दुखों को कुछ कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बीते दो वर्ष में ईपीएफओ का कवरेज 122 फीसद बढ़ा है। जिला समादेष्टा अनिरुद्ध प्रसाद ने कहा कि ईपीएफओ ने दावे का जल्द निपटारा कर होमगार्ड जवानों के स्वजनों को सहायता पहुंचाई है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (वन) राजेश पांडेय ने कहा कि पूरे देश में बिहार ही है, जहां होमगार्ड जवानों को ईपीएफओ से कवर किया गया है। इस दौरान क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आरवी स्टीम आदि मौजूद थे।
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387 करोड़ का हुआ भुगतान
कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से ईपीएफओ से राशि निकालने को लेकर दी गई रियायत के तहत 94 हजार कर्मचारियों के दावों का भुगतान किया गया। इसके तहत 387 करोड़ का भुगतान किया गया। सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन ही पूरी की गई।
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