143 शिक्षकों की आपत्तियों का निस्तारण कर ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरु!
बदायूं UP,भारत मे शिक्षा और शिक्षको की समस्या आये दिन बढते जरहे है और सरकार रोज दिन एक नया समस्या खड़ा कर रही है पढ़े-लिखे शिक्षक जैसे बुद्धिजीवी समुदाय के लोग भी सरकार के झांसे में आकर के वह भी जात पात के शिकार हो जाते हैं जात पात के शिकार होने के वजह से आज बिहार के सारे 400000 शिक्षकों का भविष्य अंधकार में है जो कि काफी निंदनीय और सोचनीय है करोना काल के कारण अंतर्जनपदीय ट्रांसफर प्रक्रिया पर शासन ने रोक लगा दी थी, अब शासन ने दोबारा अंतर्जनपदीय ट्रांसफर प्रक्रिया को शुरू किया है। इसके तहत शिक्षकों की काउंसलिंग डाइट परिसर में शुरू हुई है। इसमें 143 शिक्षकों की आपत्तियों का निस्तारण किया गया।
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति के तहत जिले से 1476 शिक्षकों ने फरवरी में आवेदन किया था। जिसमें काउंसलिंग के दौरान 310 शिक्षकों के आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। शेष 1166 शिक्षकों के आवेदनों को विभागीय वेबसाइट पर फॉरवर्ड कर दिया गया था। जिन शिक्षकों के आवेदनों को निरस्त कर दिया गया था। उनको आपत्तियों को दर्ज करने का समय दिया गया है। लेकिन उसी बीच कोविड-19 की वजह से सभी कुछ रुक गया।
वहीं शासन ने अब इस प्रक्रिया को दोबारा से शुरू किया है। उसके तहत बरेली से आए सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा एसएन सिंह की अध्यक्षता में आयी 143 शिक्षकों आपत्तियों का निस्तारण किया। वही बीएसए रामपाल सिंह राजपूत ने बताया कि कुल 143 शिक्षकों ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को लेकर आपत्तियां दाखिल की थी। उनकी समस्याओं को सुना गया है। और उसका निस्तारण एडी बेसिक ने किया है।
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