उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों को नहीं भूलना चाहिए अब तक 60% का वेतन वृद्धि हुआ है
पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा शिक्षकों को सम्मान दिया है और पिछले पांच वर्ष में उनके वेतन में करीब 60 प्रतिशत की वृद्धि की है।
श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां स्व.रामदेव महतो की स्मृति में आयोजित ऑनलाइन शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने हमेशा शिक्षकों को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में शिक्षकों के वेतन में करीब 60 की वृद्धि की गई है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस सरकार के 15 साल के कार्यकाल में जहां मुश्किल से 10 हजार शिक्षकों की बहाली भी नहीं हुई, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में तीन लाख 50 हजार शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है।
श्री मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राजद के कार्यकाल में मात्र 1500 मासिक मानदेय पर शिक्षा मित्रों को बहाल करने वाले एवं राजग सरकार में नियुक्त शिक्षकों की योग्यता को लेकर मजाक उड़ाने वाले आज उनके फर्जी पुरसाहाल बने हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई है कि कोरोना काल के दौरान वित्तीय संकट के बावजूद राज्य सरकार ने शिक्षकों के वेतन एवं कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में वायदे के अनुसार 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे शिक्षकों के मूल वेतन में न्यूनतम 2200 से 4000 रुपये का इजाफा होगा। वार्षिक व्यय आकलन के अनुसार, शिक्षकों की वेतन-वृद्धि पर सलाना 1950 करोड़ रुपये एवं ईपीएफ पर 815 करोड़ रुपये यानी 2765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करेगी।
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श्री मोदी ने कहा कि शिक्षकों को प्रोन्नति के अवसर, महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों के अन्तर जिला और पुरुष शिक्षकों के परस्पर स्थानान्तरण, 180 दिन का मातृत्व और 15 दिन का पितृत्व अवकाश तथा तीन वर्ष की अवधि के लिए अध्ययन अवकाश के अलावा शिक्षकों के असामयिक निधन पर उनके आश्रितों को विद्यालय सहायक एवं परिचारी के पद पर नियोजन का प्रावधान भी किया गया है।
श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां स्व.रामदेव महतो की स्मृति में आयोजित ऑनलाइन शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने हमेशा शिक्षकों को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में शिक्षकों के वेतन में करीब 60 की वृद्धि की गई है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस सरकार के 15 साल के कार्यकाल में जहां मुश्किल से 10 हजार शिक्षकों की बहाली भी नहीं हुई, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में तीन लाख 50 हजार शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है।
श्री मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राजद के कार्यकाल में मात्र 1500 मासिक मानदेय पर शिक्षा मित्रों को बहाल करने वाले एवं राजग सरकार में नियुक्त शिक्षकों की योग्यता को लेकर मजाक उड़ाने वाले आज उनके फर्जी पुरसाहाल बने हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई है कि कोरोना काल के दौरान वित्तीय संकट के बावजूद राज्य सरकार ने शिक्षकों के वेतन एवं कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में वायदे के अनुसार 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे शिक्षकों के मूल वेतन में न्यूनतम 2200 से 4000 रुपये का इजाफा होगा। वार्षिक व्यय आकलन के अनुसार, शिक्षकों की वेतन-वृद्धि पर सलाना 1950 करोड़ रुपये एवं ईपीएफ पर 815 करोड़ रुपये यानी 2765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करेगी।
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श्री मोदी ने कहा कि शिक्षकों को प्रोन्नति के अवसर, महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों के अन्तर जिला और पुरुष शिक्षकों के परस्पर स्थानान्तरण, 180 दिन का मातृत्व और 15 दिन का पितृत्व अवकाश तथा तीन वर्ष की अवधि के लिए अध्ययन अवकाश के अलावा शिक्षकों के असामयिक निधन पर उनके आश्रितों को विद्यालय सहायक एवं परिचारी के पद पर नियोजन का प्रावधान भी किया गया है।
फेकू चा चा
ReplyDeleteयह शिक्षक समाज सरकार को 15साल का वक्त दिया।15साल में आपने ऐसी ऐसी योजना सरकारी स्कूलों में लाए कि शिक्षकों का मान मर्दन कर दिया। सरकार एवं समाज में शिक्षकों का कोई जगह नहीं है? शिक्षक का गुजारा कैसे चलेगा?आप इस बिषय पर चिंतन कभीनहीं किया।कम वेतन वह भी समय पर नहीं।न पेंशन,न ग्रेच्युटी ,न राज्यकर्मी तो फिर बुढ़ापा कैसे बितेगा? छलावा एवं धोखा देने वाले आप सब है। आपने कुछ नहीं शिक्षकों के लिए किया है।समय का लाभ उठाकर ठीक से परिवार नहीं चलने वाला वेतन भुगतान अपके द्वारा कराया जाता है। अभी थोड़ा वक्त है शिक्षकों को मान सम्मान लौटाया जाएं
ReplyDelete।।