श्रम कानून में 3 बड़े बदलाव गरीब मजदूरों का नौकरी जाने का खतरा बढ़ा!*
श्रम कानून में बदलाव
केंद्र की मोदी सरकार (Central Government) ने श्रम कानून (Labour Law) में तीन बड़े बदलावों को मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को सोशल सिक्योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशंस और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ (ओएसएच) पर श्रम कानूनों में बदलाव को मंजूरी दी. इनमें वर्कर्स के लिए पेंशन और मेडिकल बेनिफिट के शामिल किया गया है. नए कानून के तहत 100 या इसे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थान में छंटनी के लिए विशेष प्रावधान का पालन करना होगा.
केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से राज्यों को अपने श्रम कानूनों के फ्रेमवर्क में बदलाव करने में मदद मिलेगी. संसद के आगामी मानसून सत्र में इन बदलावों पर मंजूरी ली जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, नए कानून में उन शर्तों और क्षेत्रों को साफ तौर पर परिभाषित किया गया है जिनमें फिक्स्ड-टर्म एम्प्लॉयमेंट दिया जाना है.
छंटनी के लिए सुझाए गए विशेष प्रावधान
श्रम कानून में जो संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं उनमें ऑक्यूपेशनल सेफ्टी पर उचित प्राधिकरण की परिभाषा स्पष्ट बताई गई है. साथ ही इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में टर्म इम्प्लॉयी और वर्कर्स के बीच अंतर को खत्म कर दिया गया है.
केंद्र की ओर से प्रस्तावित इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में 100 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थान में छंटनी के लिए विशेष प्रावधान सुझाए गए हैं. इतना ही नहीं, फैक्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के लिए हेल्थ फेसिलिटी को मजबूत बनाया गया है.
इस तरह के बदलाव गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को श्रम कानूनों में सुधार लाने के लिए काफी मदद करेंगे. दरअसल, हाल ही में इन राज्यों ने इस दिशा में पहल की है.
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