नियोजित शिक्षकों के बारे में तेजस्वी यादव का घोषणा सिर्फ एक चुनावी जुमला और सच्चाई से कोसों दूर
PATNA : विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां प्रचार प्रसार में जुटी हुई हैं. वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा सीट से नामांकन करने के बाद तेजस्वी यादव ने शिक्षकों को लेकर एक बड़ा एलान किया के बिहार के साडे चार लाख नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन राज्य कर्मी का दर्जा पुराना पेंशन बहाल हो जाएगा या तेजस्वी कुमार ने भी शिक्षकों के साथ छलावा करने का एक सुंदर सा रास्ता ढूंढा है अगर आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव शिक्षकों से इतना ही लगाव था तो श्री यादव ने अपने मेनिफेस्टो में समान काम के बदले समान वेतन नियमितीकरण को क्यों नहीं साझा किया यह विचारणीय विषय है
शिक्षक वर्षों से छलावा के शिकार होते आ रहे हैं मौजूदा सरकार ने शिक्षकों के साथ भी बहुत बड़ा धोखा किया है तो कभी विपक्ष पर है सुशील कुमार मोदी ने भी शिक्षकों का मजाक उड़ाया और कहा कि भगवान भी उतर कर आ जाएंगे तो ₹1 का बृधी नहीं होगा लेकिन शिक्षक अभी उसे नहीं भूले थे जब तक नीतीश कुमार ने फिर से उनके साथ मिलकर के सरकार बना लिया कुछ नही मिला फिर सूमो जब विपक्ष में गए तो बोले हमारी सरकार आते ही नियोजित शिक्षकों का नियमितीकरण समान काम समान बदले कर दिया जाएगा लेकिन मिला क्या बाबा जी का ठुल्लू वह भी एक चुनावी जुमला साबित हुआ
फिर बिहार के साढ़े चर लाख नियोजित शिक्षकों ने रोड से लेकर कोर्ट तक लडा और मिला क्या लाठी, सुप्रीम कोर्ट में भी उन्हें सुनवाई के दौरान यह लग रहा था कि नियोजित शिक्षकों को इंसाफ मिल जाएगा लेकिन कोर्ट ने भी वही किया जिसकी शिक्षकों की दूर-दूर तक उम्मीद नहीं थी जजमेंट आने के बाद पता चला कि निजी शिक्षकों का दशा और दिशा दोनों ख़राब हो चुके हैं उसके बाद फिर ननियोजित शिक्षकों ने आंदोलन का रास्ता अपनया 37 दिन के महाहड़ताल होने के बावजूद तानाशाह सरकार ने नियोजित शिक्षकों के ऊपर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया जिसके वजह से लग भग सकडो से शिक्षकों ने पैसों के अभाव में अपनी जान गवा दी! उसके बावजूद सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी
वहीं आरजेडी जब के सत्ता से बाहर है सत्ता में आने के लिए नियोजित शिक्षकों को प्रलोभन देने की प्रयास कर रही है
तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा किए गए इस बड़े घोषणा का स्वागत करने से पहले मैं मो0 फिरोज आलम राज्य सचिव सह जिला अध्यक्ष बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन तेजस्वी तेजस्वी यादव से अपील करना चाहूंगा कि वह सबसे पहले अपने मेनिफेस्टो में शामिल करें क्योंकि अब नेता लोगों पर भरोसा नहीं रहा
इससे पहले भी कई बड़े-बड़े राजनेताओं ने दो डो करोड़ नौकरियां देने का भी वादा भी देख चुके है
इसलिए फिर से एक बार बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन मांग करता हैं की अगर आप नियोजित शिक्षकों का हितैषी हैं तो अपने मेनिफेस्टो में शामिल करें
आन्यथा शिक्षकों को गुमराह करने का प्रयास नहीं करें
नहीं तो सिर्फ यही समझा जाएगा कि तेजस्वी ने एक बड़े वोट बैंक पर निशाना लगाया है. शिक्षकों के लिए बड़ा चुनावी जुमला दिया है
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि "हमारी सरकार आने पर बिहार में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों की तरह समान सेवा शर्त और समान काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा। नियोजित शिक्षकों को नीतीश सरकार ने हमेशा धोखा दिया है।
शिक्षकों की सभी समस्याओं का निदान किया जाएगा।"
आपको बता दें कि नीतीश सरकार ने नियोजित के लिए सेवा शर्त नियमावली में बदलाव किया है लेकिन इसके बावजूद भी नियोजित शिक्षकों में असंतोष की स्थिति है. उनका कहना है कि सरकार से उनकी लड़ाई परमानेंट पर्ने को लेकर है. दरअसल नियोजित शिक्षक सामान काम के बदले सामान वेतन की मांहग करते आ रहे हैं और आज भी वह अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. जिसको लेकर तेजस्वी ने यह बड़ा एलान किया है.
राघोपुर विधानसभा सीट से नामांकन करने के बाद तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि "मैंने सौगंध ली है कि बिहार के हित में सदा कार्य करता रहूँगा। हर बिहारवासी को जब तक उनका हर अधिकार नहीं दिला देता, चैन से बैठने वाला नहीं हूँ। इस सौगंध को पूरा करने के क्रम में आज नामांकन करने जा रहा हूँ। परिवर्तन के इस शंखनाद में आपके स्नेह, समर्थन और आशीर्वाद का आकांक्षी हूँ।"
Yes
ReplyDeleteBichrniye h
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