सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से डॉ० रणजीत कुमार का जितना तय।
सारण स्नातक निर्वाचन में डॉ रंजीत कुमार का जितना तै!
बिहार में स्नातक निर्वाचन का बिगुल बज चुका है सारण स्नातक निर्वाचन में 12 कैंडिडेट हैं जिसमें सबसे सबसे बेहतर समाजसेवी जुझारू मंदार ईमानदार छवि के डॉ रंजीत कुमार के साथ दिख रहे हैं
डॉ रंजीत कुमार के साथ तन मन धन से लगे हुए हैं बता दें कि इससे पहले केदारनाथ पांडे 18 वर्षों से इस पद पर बने रहे हैं लेकिन शिक्षकों में उनके प्रति काफी गुस्सा देखने को मिल रही है बहुत बार उनके ऊपर सरकार से मिलीभगत होने का भी आरोप लगाता रहा है
तो कितने बार शिक्षकों को का आंदोलन तोड़ने का भी आरोप लगा है
जिनकी आयु अब 80 के आसपास बताए जा रहे हैं इस अवस्था में उनसे किसी भी कार्य को उम्मीद रखना हास्यास्पद है क्योंकि 40 वर्ष में नौकरी पाने वाले कर्मचारी 50 वर्ष के बाद काम करने के योग्य नहीं रहते तो फिर 80 प्लस के एमएलसी काम करने योग्य कैसे रहेंगे!
सरकार के खिलाफ शिक्षकों शिक्षकों ने तकरीबन ढाई महीनों का धरना प्रदर्शन किया लेकिन दमनकारी और तानाशाही सरकार ने उस पर संज्ञान तक नहीं लिया और बाबा मुख्य दर्शक बने जिसको लेकर के शिक्षकों में काफी रोष है यही वजह है कि सारण निर्वाचन में बदलाव की बयार बह रही है
सारण निर्वाचन निर्वाचन क्षेत्र एक एक शिक्षक व्यक्तिगत रूप से डॉ रंजीत कुमार से जुड़े हुए दिख रहे
हैं
जगह-जगह खुद शिक्षक एक दूसरे को जागरुक कर रहे है सबसे बड़े दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले इतने भारी संख्या में कभी भी शिक्षक खुलकर के सामने नहीं आते दिखे हैं लेकिन इस मर्तबा चुनाव का कुछ अलग ही रंग रूप देखने को मिल रहा है मोतिहारी बेतिया गोपालगंज छपरा सिवान मे अलग अलग तरीके से लोग रंजीत बाबू का इस्तकबाल कर रहे हैं अब देखने वाली बात है क्या रंजीत बाबू इस भारी संख्या को वोट में पनघट पर पाएंगे या नहीं
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