सरकार शिक्षकों पर मेहरबान! तो वर्षों का पूरा हुआ शिक्षकों का अरमान!
रांची . कोरोना संकट के बीच झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मदरसा शिक्षकों, पारा शिक्षकों एवं टेट पास अभ्यर्थियों को बड़ी खुशखबरी दी है. जेटेट के प्रमाण पत्र की वैधता सात साल से बढ़ाकर नौ साल कर दी गयी है. पारा शिक्षकों पर दर्ज किये गये मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया गया.
कोरोना महामारी के मद्देनजर शिक्षा मंत्री ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट ), 2013 के सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता अवधि दो साल बढ़ाने का फैसला किया है. उक्त परीक्षा में सफल लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की सात वर्षीय मान्यता इस साल मई में समाप्त हो गयी थी.
अब इन अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र 2022 तक मान्य होंगे.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री ने विभागीय सचिव को आवश्यक निर्देश दे दिये हैं. इस संबंध में लिखे गये पत्र में मंत्री ने कहा है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल(जैक) द्वारा आयोजित झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की वैधता की अवधि सात साल निर्धारित की गयी थी. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर प्रमाण पत्र की वैधता दो साल बढ़ायी जाये. मंत्री ने सचिव को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
साल 2013 व 2016 में हुई थी परीक्षा
झारखंड में साल 2013 एवं साल 2016 में जैक द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा ली गयी थी. पहले इस परीक्षा के प्रमाण पत्र की वैधता पांच साल थी, जिसे साल 2018 में बढ़ाकर 7 साल कर दिया गया. अब इसकी वैधता एक बार फिर दो साल के लिए बढ़ायी जा रही है. साल 2013 में लगभग 65 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए थे.
इनमें से लगभग 15000 की नियुक्ति हुई थी. शेष 50 हजार अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता समाप्त हो गयी थी. वहीं, साल 2016 में सफल 50 हजार अभ्यर्थियों को अब तक किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर नहीं मिला है. ये अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं.
पारा शिक्षकों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
पिछले पांच साल के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में आंदोलन करने वाले पारा शिक्षकों पर दर्ज किये गये मुकदमे वापस लिये जा सकते हैं. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत को पत्र लिखकर इस संदर्भ में विचार करने का आग्रह किया है. शिक्षा मंत्री ने लिखा है कि पिछले पांच साल के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करने वाले पारा शिक्षकों पर मुकदमे दर्ज किये गये हैं.
जनहित में आंदोलनकारी पारा शिक्षकों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी वापस लिया जाना उचित प्रतीत होता है. उन्होंने आगे लिखा है कि अनुरोध है कि आंदोलनकारी पारा शिक्षकों पर दर्ज प्राथमिकी वापस लेने के संबंध में उचित कार्रवाई करने की कृपा की जाये. गौरतलब है कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा काफी दिनों से मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहा है.
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